आनंद मठ

आनंद मठ 1870 के दशक में लिखा गया वो कालजयी उपन्यास है जिसकी छाया हमें आज भी नजर आती है जब कोई ये कहता नजर आता है कि हम वंदे मातरम नहीं गायेंगे, ये हमारे धर्म के खिलाफ है। आनंद मठ की पृष्ठभूमि में सन्यासी आंदोलन का संदर्भ है जब बंगाल के मुस्लिम शासन के …

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बाला सेक्टर (आशीष त्रिपाठी)

अगर आप एजेन्डा पढ़ने में यकीन‌ नही रखते है, तब यह खबर आपके लिए हैं। भारत में वामपंथी कलम का अनर्गल प्रलाप स्वतंत्रता के बाद से ही शुरु हो गया था लेकिन 1975 के बाद से यह बजबजा गया। वामपंथ भारत में कांग्रेस कि बौद्धिक बैसाखी बन गया और उसके बाद जो साहित्य के नाम …

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