बाला सेक्टर (आशीष त्रिपाठी)
अगर आप एजेन्डा पढ़ने में यकीन नही रखते है, तब यह खबर आपके लिए हैं। भारत में वामपंथी कलम का अनर्गल प्रलाप स्वतंत्रता के बाद से ही शुरु हो गया था लेकिन 1975 के बाद से यह बजबजा गया। वामपंथ भारत में कांग्रेस कि बौद्धिक बैसाखी बन गया और उसके बाद जो साहित्य के नाम …
एक गधे की आत्मकथा / कृश्न चन्दर
“एक गधे की आत्मकथा” कृश्न चन्दर जी की बहुत ही सधी हुई व्यंग्य कृति है| आप पूरी पुस्तक पढ़ डालिये, फिर भी आप इसी पसोपेश में रहेंगे कि ये आदमी के रूप में गधा है या गधे के रूप में आदमी| इस संग्रह में उन्होने गधे के माध्यम से पूरे सामाजिक, राजनीतिक व प्रशासनिक ढाँचे …
साहब बीबी गुलाम
विमल मित्र द्वारा लिखित उपन्यास साहब बीबी गुलाम मात्र एक उपन्यास नहीं बल्कि कलकत्ते शहर की महागाथा है। कलकत्त्ता(अब कोलकाता) कैसे बसा, कैसे उजड़ा आदि बातों का वर्णन करता ये उपन्यास सामन्ती परिवेश की पड़ताल करता है। उपन्यास की पृष्ठभूमि ब्रिटिश काल की है जब अंग्रेज आ तो गये थे पर सत्ता के सारे केंद्र …